शुक्रवार, 14 अगस्त 2015

भाजपा की सतर्कता रुचि श्रीवास्तव के सेंध मारने के संकेत

अजमेर नगर निगम के वार्ड 12 में चुनावी घमासान बढ़ गया है। जैसे ही भाजपा पार्षद भारती श्रीवास्तव की पुत्री रुचि श्रीवास्वत का प्रभाव बढ़ता दिखा, धमकियों के दौर शुरू हो गए हैं। रुचि का कहना है कि पुलिस, प्रशासन का इस्तेमाल करते हुए धमकाया जा रहा है कि अगर उनको वोट दिया तो वार्ड का विकास ठप्प कर दिया जाएगा। झूठे मुकदमे दर्ज करवाने व लाइट आदि कटवाने का आदि की धमकियां मतदाताओं को दी जा रही है। रुचि ने वार्ड वासियों ने अपील की है कि वे बेखौफ हो कर मतदान करें।  वे स्थानीय कॉन्वेंट स्कूल से पढऩे के बाद एमबीए की हुई अजमेर की सबसे कम उम्र की प्रत्याशी हैं और वार्ड वासियों व उनकी माता भारती श्रीवास्तव के स्वाभिमान की रक्षा के लिए चुनाव मैदान में उतरी हैं।
दूसरी ओर भाजपा की उम्मीदवार सलोनी जैन के चुनाव अभिकर्ता हेमेन्द्र जैन ने वाट्स एप पर जारी संदेश में शिकायत की है कि वे ऊसरी गेट पर कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं से चर्चा कर रहे थे, उसी समय भारती श्रीवास्तव अपने साथियों के साथ आईं और धमकी भरे शब्दों में कहने लगीं कि आप इस क्षेत्र में क्यों आए हो। इस पर हमारा हमने उन्हें चिल्लाते हुए कहा की आप कौन होती हो हमें बताने वाली कि हम कहां जाएं, कहां नहीं। हमारी इच्छा होगी जहां घूमेंगे और जिससे चाहेंगे भाजपा उम्मीदवार की चुनावी चर्चा करेंगे। इसी दौरान भाजपा के चालीस पचास समर्थक आ गए, इस पर वे भील बस्ती से दूसरी गली में चली गईं। अपने आप को सभ्य व संस्कारवान कहने वाली भारती श्रीवास्तव को क्या आप सभ्य कहेंगे, जो सरे आम गुंडागर्दी की बात करती है।
दोनों पक्षों के आरोपों में कितनी सच्चाई है, ये तो प्रत्यक्षदर्शी ही जानें, मगर इस वाकये यह तो साफ है कि भाजपा राज में भी यदि भारती बेखौफ  हो कर चुनौती दे रही हैं और उनका लहजा धमकी भरा है, तो इसका मतलब उनका दिल खुला हुआ है, हौसला बुलंद है, जो कि बिना जनसमर्थन के नहीं आ सकता। और दूसरा ये कि भाजपा राज में ही भाजपा अभिकर्ता को शिकायती लहजे में बात कहनी पड़े तो यह भाजपा खेमे में रुचि के सेंध मारने आशंका जताता है।
एक अहम बात और। ये तो आगामी बीस तारीख को ही पता लगेगा कि रुचि की परफोरमेंस कैसी रहती है, मगर भाजपा खेमा उनके प्रति कितना अधिक सतर्क है, यह शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी के ताजा बयान से लगता है। उन्होंने सलोनी जैन के समर्थन में लाल कोठी क्षेत्र में जनसम्पर्क करते हुए कहा कि वे भाजपा से बागी होकर खड़े निर्दलीय प्रत्याशी से सावधान रहें। जो पार्टी के नहीं हो सके, वो क्षेत्रवासियों का क्या ध्यान रख सकेंगे। देवनानी ने कहा कि संगठन के साथ विश्वासघात करने वालों का कभी भी साथ नहीं देना चाहिए। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान संभवत: यह पहला मौका था कि उन्हें बागियों के प्रति इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना पड़ा। हालांकि दिखने में यह बयान सामान्य सा लगता है और भाजपा के प्रचारक के रूप में जरूरी भी, मगर यह रुचि के बढ़ते प्रभाव के प्रति भाजपा का सतर्कता का द्योतक है। इसी से जुड़ी एक बात और कि देवनानी ने बागियों के लिए इन शब्दों का इस्तेमाल जरूर इस कारण किया होगा ताकि कहीं उन पर भारती के प्रति नर्म रुख अपनाने का आरोप न लगे। ज्ञातव्य है कि भारती श्रीवास्तव टिकट वितरण से पहले देवनानी के काफी करीब मानी जाती थीं। दिलचस्प बात ये कि टिकट न मिलने के बाद भारती की पुत्री के बागी बन कर आने पर देवनानी को उनसे सावधान रहने को कहना पड़ रहा है।
वैसे अपना मानना है कि अगर रुचि जीती तो मेयर बनाने केलिए निश्चित रूप से देवनानी खेमे में ही जाएंगी। कहने की आवश्यकता नहीं है कि इस वार्ड में भारती अथवा उनकी पुत्री का ही दावा था, मगर पूर्व सांसद प्रो. रासासिंह रावत के दबाव में सलोनी को टिकट दिया गया। यही वजह रही कि भारती ने टिकट न मिलने पर रावत के प्रति ही गुस्से का इजहार किया।
-तेजवानी गिरधर
7742067000

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें