बुधवार, 1 दिसंबर 2010

चैलेंज दर चैलेंज हैं नए एसपी पांडे के सामने

अजमेर में नियुक्त किए गए नए एसपी विपिन कुमार पांडे का कई चैलेंज स्वागत कर रहे हैं। विरासत में निवर्तमान एसपी हरिप्रसाद शर्मा कई समस्याएं और गुत्थियां छोड़ गए हैं, जिन्हें सुलझाने की कोई ठोस कोशिश ही नहीं की। एक गुत्थी अभी सुलझती नहीं थी कि दूसरी नई पैदा हो जाती है। इसी कारण गुत्थियों की एक लंबी लिस्ट बन गई है।
हकीकत तो ये है कि शर्मा ने अजमेर का कार्यकाल बड़े आराम से काटा। यदा-कदा मुखबिर की सहायता से कोई मामला खोलने में कामयाबी मिल भी जाती थी तो संबंधित थानाधिकारी को श्रेय देने की की बजाय खुद ही क्रेडिट लेने की कोशिश करते थे। यहां तक की छोटे-मोटे मामलों के खुलासे की ब्रीफिंग भी खुद ही करने में रुचि रखते थे। यही वजह रही कि हर मामले की जानकारी लेने को मीडिया वाले उनसे ही संपर्क साधते थे। मीडिया से दोस्ताना व्यवहार के कारण उनकी खिंचाई भी ढ़ंग से नहीं होती थी।
नए एसपी पांड के सामने सबसे बड़ा चैलेंज ये होगा कि पिछले दो-तीन साल में अनेक ऐसे हत्याकांड हो चुके हैं, जिनका सुराग आज तक पुलिस के हाथ नहीं आया है। आशा व सपना हत्याकांड जैसे कुछ कांड तो भूले-बिसरे हो गए हैं, जिन्हें पुलिस ने अपनी अनुसंधान सूची से ही निकाल दिया है। पिछले पांच माह में ही रावत समाज के एक के बाद एक करके तीन लोगों की हत्या पुलिस की नाकामी की इबारत लिख रही है। रावत समाज के हल्ला मचाने के कारण ये हत्याकांड तो सरकार की नोटिस में भी आ चुके हैं।
पिछले कुछ सालों में चैन स्नेचिंग के मामले तो इस कदर बढ़े हैं, महिलाएं अपने आपको पूरी तरह से असुरक्षित महसूस करने लगी हैं। इसी प्रकार नकली पुलिस कर्मी बन कर ठगने के मामले असली पुलिस को चिढ़ा रहे हैं। वाहन चोरी की वारदातें भी लगातार बढ़ती जा रही हैं। रहा सवाल जुए-सट्टे का तो वह पुलिस थानों की नाक के नीचे धड़ल्ले से चल रहा है। अवैध शराब और मादक पदार्थों की तस्करी की तो बात करना ही बेकार है। शराब और चरस-गांजा की तस्करी का तो अजमेर ट्रांजिट सेंटर ही बन गया है। हालांकि बरामदगी भी हुई है, लेकिन हरियाणा मार्का की शराब का लगातार अजमेर में आना साबित करता है कि कहीं न कहीं मिलीभगत है। पिछले दिनों एक हिस्ट्रीशीटर ने तो मदहोशी में खुलासा ही कर दिया कि मंथली न बढ़ाए जाने के कारण पुलिस परेशान कर रही है। इस मामले की औपचारिक जांच जारी है। इसके अतिरिक्त जिले में अवैध कच्ची शराब को बनाने और उसकी बिक्री की क्या हालत है और इसमें पुलिस की भी मिलीभगत होने का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि शराब तस्करों को छापों से पूर्व जानकारी देने की शिकायत के आधार पर दो पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर करना पड़ा। रहा सवाल चोरियों का तो उसका रिकार्ड रखना ही पुलिस के लिए कठिन हो गया है। अब तो केवल बड़ी-बड़ी चोरियों का जिक्र होता है। हाल ही त्रिकाल चौबीसी की मूर्ति चोरी हो गई, मगर पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
पांडे के सामने एक बड़ी चुनौती अपराधियों का जेल से अपने गिरोह संचालित करना है। खुद निवर्तमान एसपी ने यह स्वीकार किया कि जेल में कैद अनेक अपराधी वहीं से अपनी गेंग का संचालन करते हुए प्रदेशभर में अपराध कारित करवा रहे हैं और इसके लिए बाकायदा जेल से ही मोबाइल का उपयोग करते हैं। वे स्वीकार न भी करते तो आतंकी डॉ. अंसारी के पास मिला मोबाइल का जखीरा खुद ही कहानी बयां करता है। अजमेर उत्तर के भाजपा विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी ने तो इस मामले को विधानसभा में भी उठाया।
मुंबई ब्लास्ट का मास्टर माइंड व देश में आतंकी हमले करने का षड्यंत्र रचने के आरोप में अमेरिका में गिरफ्तार डेविड कॉलमेन हेडली तो मुस्तैद पुलिस के चेहरे पर कालिख पोत कर जा चुका है। वह भले ही अपनी पुष्कर यात्रा के दौरान और कोई गड़बड़ी न कर पाया हो, मगर उसने लचर पुलिस व्यवस्था की तो पोल खोल ही दी थी। प्रतिबंधित इस्लामिक छात्र संगठन सिमी के सक्रियता बढ़ाने की बात को भी स्वीकार करते हुए शर्मा ने दरगाह की सुरक्षा बढ़ाए जाने का दावा किया था।
बहरहाल, नए एसपी पांडे के लिए अजमेर पुलिस तंत्र का ताज कांटों भरा है। वे राजनीतिक माफियाओं के गढ़ बिहार राज्य के आईपीएस हैं और राजस्थान में भी काफी घूम चुके हैं। देखते हैं वे कैसा परफोर्म कर पाते हैं।

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