गुरुवार, 10 फ़रवरी 2011

शहर भाजपा के कई नेता संतुष्ट किए जाने का फार्मूला

शहर जिला भाजपा के अध्यक्ष पद पर प्रो. रासासिंह रावत के मनोनयन के साथ ही एक ओर जहां कार्यकारिणी में पदों को लेकर एक अनार सौ बीमार वाली हालत हो रही है तो दूसरी ओर पार्टी ने अधिकतर नेताओं को संतुष्ट करने का फार्मूला तैयार कर लिया है।
सुविज्ञ सूत्रों के अनुसार इस बार वरिष्ठ नेताओं को आभूषणात्मक उपाध्यक्ष पद पर नवाजने के लिए सात पदों की व्यवस्था करने का विचार है। इससे वे सभी नेता संतुष्ट हो जाएंगे, जो या तो अध्यक्ष पद के दावेदार की श्रेणी में माने जा रहे थे या फिर दावेदार न होने पर भी जिन्होंने पार्टी की लंबे समय से अथवा पर्याप्त सेवा की है। इस पद रहने में वरिष्ठ नेताओं को इस कारण भी असहजता महसूस नहीं होगी, क्यों कि अध्यक्ष ही पांच बार सांसद रहे नेता को बनाया गया है, जो कि उनके कद के मुताबिक अपेक्षाकृत छोटा ही है। कदाचित प्रो. रावत ने भी इस पद को इस कारण स्वीकार कर लिया है कि वे हाशिये पर नहीं जाना चाहते और आगामी चुनाव आने तक जिंदा बने रहना चाहते हैं। वैसे भी रावतों के पर्याप्त वोटों को देखते हुए भाजपा को उनसे बेहतर नेता नजर नहीं आ रहा था।
रहा सवाल तेज-तर्रार व दमदार नेताओं को एडजस्ट करने का तो, उसके लिए महामंत्री के तीन पद रखे जाने का विचार है। इनमें जहां विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी की ओर से नगर निगम के पूर्व महापौर धर्मेन्द्र गहलोत को शामिल किए जाने का विचार है, वहीं विधायक श्रीमती अनिता भदेल की ओर से सोमरत्न आर्य या कैलाश कच्छावा का नाम आ सकता सकता है। इसके बाद भी एक पद बच जाएगा, जिस खींचतान होने की संभावना है। ऐसे में या तो प्रदेश भाजपा नेता औंकार सिंह लखावत अथवा अध्यक्ष प्रो. रावत अपनी पसंद का नेता एडजस्ट करेंगे या फिर ऐसा नेता सैट किया जाएगा, जिस पर दोनों ही विधायकों की सहमति होगी। इस प्रकार अनेक भाजपा नेता संतुष्ट कर लिए जाएंगे। इसके बाद भी जो नेता पिछले कुछ सालों में उभर कर आए हैं, उन्हें भी संतुष्ट करने के लिए मंत्री के सात पद रखे गए हैं। यानि कि दोनों ही गुटों के दोवदारों को तो पूरा मौका मिलेगा ही, इसके बाद भी कुछ पद रह जाएंगे, जिन पर पूर्व में पदों पर रहे नेताओं को फिर से मौका दिया जा सकेगा। बताया जाता है कि जंबो कार्यकारिणी के पीछे पार्टी की यह सोच है कि इससे सभी जाति वर्गों के लोगों राजी किया जा सकेगा, जिसका आगामी विधानसभा चुनाव में फायदा मिलेगा। बताया जा रहा है कि महिलाओं को भी उचित स्थान देने के लिए एक तिहाई पद उनके लिए रखे जाने की कोशिश की जा रही है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें