बुधवार, 7 मार्च 2012

लाला बन्ना ने किया अजमेर उत्तर से चुनाव लडऩे का ऐलान


अजमेर नगर परिषद के पूर्व सभापति और भाजपा के ऊर्जावान नेता सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने ऐलान दिया है कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में अजमेर उत्तर से हर हालत में चुनाव लड़ेंगे। चाहे भाजपा टिकट दे या नहीं।
असल में उन्हें पिछले चुनाव के वक्त ही टिकट मिल गया था, मगर ऐन वक्त पर विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी के नागपुर दरबार में धोक देने के कारण उनका मिला हुआ टिकट कट गया। इस बार वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उनकी सोच है कि सामान्य जाति के लोगों का अजमेर में नेतागिरी करना बेकार है। अजमेर दक्षिण की सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है और अजमेर उत्तर की अघोषित रूप से सिंधियों के लिए। ऐसे में सामान्य वर्ग का नेता तो कभी एमएलए बन ही नहीं सकता। नगर परिषद के सभापति एक बार रह ही लिए। अब तो राजनीतिक कैरियर पर रोक ही लग गई है। बेहतर यही है कि पार्टी आलाकमान को साफ कर दिया जाए कि इस बार किसी भी सूरत में अपना दावा नहीं छोड़ेंगे। अव्वल तो टिकट ले कर ही रहूंगा और अगर सिंधीवाद के नाम पर टिकट नहीं दिया तो किसी और पार्टी या निर्दलीय रूप से चुनाव लडूंगा और जीत कर दिखाऊंगा।
सुविज्ञ सूत्रों के अनुसार उनकी गणित यही है कि अगर पार्टी टिकट देती है तो जीत सुनिश्चित ही है। एक तो सिंधियों के वोट परंपरागत रूप से भाजपा को मिल ही जाएंगे। फिर भाजपा व आरएसए के हिंदूवादी वोट भी पक्के हैं। अगर कांग्रेस ने किसी सिंधी को टिकट दिया और सिंधीवाद का नारा लगा तो भी जीत सुनिश्चित है। इसकी वजह ये है कि सिंधीवाद का नारा तभी काम करता है, जब भाजपा के अनुकूल हो। किसी कांग्रेसी को सिंधी होने के नाते सिंधी वोट नहीं देते। स्वर्गीय किशन मोटवाणी इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। दूसरा ये कि वे सिंधीवाद के नारे के सामने गैर सिंधीवाद का नारा लगा देंगे, जिससे सारे गैर सिंधी उनके पक्ष में आ जाएंगे।
लाला बन्ना की सोच है कि अगर दोनों पार्टियों ने सिंधियों को ही टिकट दिए तो भी उनकी जीत सुनिश्चित है। तब सिंधियों के वोट तो आपस में बंट जाएंगे और वे गैर सिंधीवाद के नाम पर आसानी से जीत जाएंगे। वो जमाना और था जब सतीश बंसल ने गैर सिंधीवाद के नाम पर चुनाव लड़ा था। तब न तो उन्होंने पूरी तैयारी की थी और न ही वैसा माहौल बन पाया था। ताजा हालत ये है कि पिछले चुनाव से ही सिंधी-गैरसिंधीवाद ज्यादा उभरा है। इसके अतिरिक्त वे खुद भी काफी दमखम रखते हैं। सभी वर्गों में उनकी गहरी पकड़ है। मीडिया वालों से भी अच्छी पटती है। पिछले दिनों जब उनके पिताश्री के तीये की बैठक थी तो पूरा शहर की उलट पड़ा था। तभी प्रेक्षकों ने अनुमान लगा लिया था कि लाला बन्ना वाकई काफी लोकप्रिय हैं। लब्बोलुआब अजमेर उत्तर के भावी एमएलए लाला बन्ना ही होंगे।
बुरा न मानो होली है।
-tejwanig@gmail.com


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