मंगलवार, 16 अप्रैल 2013

सिंधियों के स्वाभिमान की रक्षा के लिए अब सिंधु सेना की तैयारी


अजमेर के युवा कांग्रेसी नेता नरेश राघानी मधुकर ने सिंधियों के स्वाभिमान की रक्षा के लिए एक नई पहल की है। वे सिंधु सेना के नाम से एक संगठन बनाने जा रहे हैं। अपने ब्लॉग जज्बातनामा में उन्होंने इस नई पहल का खुलासा किया है कि सिंधु सेना के गठन की पृष्ठभूमि क्या है और यह किस प्रकार काम करेगी।
आइये, उन्हीं के शब्दों में जानें क्या सोच है उनकी-

सिंधियों के स्वाभिमान कि रक्षक सिंधु सेना ... में आपका स्वागत है

किसी भी समाज कि पहली आवश्यकता क्या है ? अधिकांश लोग कहेंगे कि समाज के लोगों में एकता हो, लोग समृद्ध हो ,समाज के बच्चे पड़ लिख कर संस्कारित हो और अपने परिवार और समाज का नाम रौशन करें आदि आदि . मेरे विचार में इसे थोडा और विश्लेषात्मक ढंग से सोच कर देखिये जैसे ... यह सब बातें और सामाजिक उद्देश्य अपनी जगह सही है परन्तु सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है इन सभी उदेश्यों कि सम्मानजनक पूर्ती ,और वो तभी संभव है जब उस समाज के फलने फूलने और विकसित होने के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल हो ,ऐसा माहौल जिसमे कोई अपमान तिरस्कार आदि न हो. जब आपके आस पास ऐसा सुरक्षित माहौल होगा तभी तो अच्छे अच्छे विचार आएंगे और उन पर शांति से काम होगा उसके बाद ही समाज को गौरव प्राप्ति होगी.यदि आप किसी तरह कि असुरक्षा महसूस करते है तो विचारशून्य हो जाते है और वही आपकी सोच खतम हो जाती है इसका मतलब है कि सबसे बड़ी चीज़ है सुरक्षा और सम्मानजनक माहौल . इसे सिंधी समाज के नज़रिए से देखते है आइये मैं सभी सिंधी भाइयों से पूछना चाहता हू कि क्या आप आज इस देश कि आजादी के बाद से लेकर आज तक सब कुछ सहन कर अपना वजूद बनाने के पश्चात क्या पूरी तरह सुरक्षित महसूस करते हैं ? उत्तर कड़वा हैं परन्तु सत्य है और वो उत्तर है नहीं ... चाहे सिंधी समाज के लोगों ने विभाजन के पश्चात बहुत परिश्रम किया और इस देश कि मिट्टी में ही घुल मिल गए और न सिर्फ वजूद खडा किया बल्कि आज अपने आप को भारतीय कहलाने में गर्व महसूस करते है ... परन्तु आज पिछले कुछ वर्षों से राजनीति के क्षेत्र में जातिवाद हावी होने कि वजह से हम अपना वजूद कायम रखने कि इस दौड में कुछ पिछड़ने लगे है . हम परिश्रम कर के धन अर्जित तो कर लेते है लेकिन उस धन कि सुरक्षा नहीं कर पाते और कई जगह शोषण का शिकार होकर रह जाते है . इस प्रवर्ति कि वजह से कई जगह हमें कायरता का ठप्पा भी लगा दिया जाता है जो कि अनुचित है .ऐसे कई अनुचित शोषण के उदहारण आपको मिल जायेंगे सिंधियों के प्रती जिन्हें सिंधी बड़ी खामोशी और शालीनता से बर्दाश्त करता आ रहा है और आज इसी खामोशी ने उसे कायरता का मुखोटा पहना दिया है एक आम धारणा बन गयी है कि सिंधी कि प्रवर्ति डरपोक और आसानी से दबाव में आने वाली है, इसी प्रवर्ती में बदलाव लाने कि आवश्यकता महसूस हो रही है जिसका बीड़ा "सिंधु सेना " उठाना चाहती है जिसका उद्देश्य और एक मात्र एजेंडा होगा सिंधी समाज के लोगों कि रक्षा और सिंधियों के प्रति इस आम धारणा में बदलाव लाना ...
यह कोई राजनीतिक दल नहीं हैं न ही किसी भी मौजूदा राजनीतिक दल का अंश . यह सम्माज हित में,समाज कि रक्षा क लिए, समाज के लोगो कि ताकात का स्तंभ है . हर सिंधी में स्वाभिमान से और सम्मान से जीने कि आदत का बीजारोपण ... और सिंधियों कि तरफ बढ़ने वाले हर खतरे को रोकना सिंधी समाज कि ढाल बनकर और सिंधी समाज कि संस्कृति और सोच हेतु सुरक्षित माहौल तैयार करना इस बात का विशेष तौर पे ख्याल रखना कि सिंधियों को केवल शोषण कि वास्तु न मना जाए और इस सोच को भी बदलना कि सिंधी को आसानी से दबाया जा सकता हैं इस कार्य को पूरा करने के लिए ५० वर्ष कि आयु से कम वाले उर्जावान व्यक्तियों कि सिंधु सेना में भरती शुरू होने जा रही है जिसके संचालन हेतु समाज के वरिष्ठ जानो का सलाहकार मंडल होगा .
 
सिंधु सेना एक ऐसा दल होगा जो किसी भी सिंधी पे आपातकाल में हद से हद ४० मिनट में पीड़ित सिंधी भाई के एक फोन पे उसके पास होगा और उसे विप्पति के क्षणों में सहायता देगा और स्वाभिमान कि रक्षा करेगा सिंधी secular हैं इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि आज सिंधी हमे न सिर्फ इस देश में बल्कि सारे विश्व में हर संस्कृति में घुल मिल कर व्यवसाय करता दिखाई दे रहा है जो दर्शाता है कि सिंधी कितनी मिलनसार कौम है लेकिन सिंधी कौम के इस स्वभाव का यह मतलब नहीं है कि सिंधी स्वाभिमान कि कीमत पर समझौता करेगा .. इसे आप एक सोशल आर्मी भी कहेंगे तो अतिशयोक्ति नहीं होगी .... जो कि बिना किसी हिंसा के सिंधी भाईयों को स्वाभिमान से जीने में मदद करेगी और ज़रूरत पड़ने पे सिंधु नदी कि पवन संस्कृति कि रक्षा हेतु किसी भी हद तक जायेगी ... मुझे मेरे इस पावन कार्य में सभी इष्ट मित्रों के आशीर्वाद कि आवश्यकता हैं और इस कार्य को करने हेतु सुझाव हो तो वो भी अवश्य बताये मैं परमपिता परमेश्वर से यह प्रार्थना करता हूँ कि मुझे व मेरे साथियों को कौम के स्वाभिमान कि रक्षा हेतु आशीर्वाद दे ताकि हम हमारी माटी का क़र्ज़ चुका सकें जय श्री कृष्ण जय झूलेलाल सुझाव हेतु मुझ से फोन पे बात कर सकते हैं आप मेरा नंबर है 09829070307

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