सोमवार, 12 अगस्त 2013

पार्षद का मिला नहीं, एमएलए का टिकट मांग लिया

चुनावी मौसम में टिकट मांगने की बीमारी इतना जोर पकड़ लेती है, जिसका कोई जवाब नहीं। अपने राज दरबार अगरबत्ती वाले राजकुमार लुधानी को ही लीजिए। उन्होंने पिछले नगर निगम चुनाव में पार्षद का टिकट मांगा था। एडी चोटी का जोर लगा दिया। मगर किसी ने नहीं गांठा। मन मसोस कर बैठ गए। जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आए हैं, उनकी टिकट मांगने की खुजली फिर शुरू हो गई है। उन्होंने अजमेर उत्तर के टिकट के लिए आवेदन किया है। जैसे ही उनका नाम आया तो उसी के साथ उनका एसीबी के लपेटे में आने का प्रकरण भी सामने आ गया। ऐसे में उन्हें कुछ नहीं सूझा तो अपनी बेटी हर्षा को आगे कर दिया। यानि कि टिकट चाहिए ही, किसी भी सूरत में। मानो डाक्टर ने सलाह दी हो। सोचने वाली बात ये है कि जब उन पर कोई आरोप नहीं था, साफ सुथरी छवि थी, तब पार्षद तक का टिकट नहीं मिला तो अब आरोप लगने के बाद क्या कद्दू मिलेगा। मगर भला उन्हें मांगने से कौन रोक सकता है? असल में यह स्थिति आई ही इस कारण है कि नगर सुधार न्यास के पूर्व सदर नरेन शहाणी भगत के लैंड फॉर लैंड मामले में रिश्वत मांगने के आरोप में मामला दर्ज होने के बाद हर पैसे और बिना पैसे वाले सिंधी को लगता है कि मैदान खाली है, हाथ मार लो।
ज्ञातव्य है कि अजमेर उत्तर की सिंधी बहुल सीट से टिकट मांगने वाले सिंधियों की लिस्ट लंबी है, जिसमें लुधानी व उनकी बेटी हर्षा सहित डॉ. लाल थदानी, नरेश राघानी, हरीश मोतियानी, सुनील मोतियानी, रश्मि हिंगोरानी, दिलीप सामनानी, अशोक मटाई, विनी जयसिंघानी, जोधा टेकचंदानी, चंद्र कुमार, पिंकी वासनानी, शिव कुमार भावनानी आदि के नाम शामिल हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें