रविवार, 22 सितंबर 2013

जाट व मुंसिफ की जुगलबंदी के मायने?


चुनावी मौसम में टिकट वितरण से ठीक पहले पूर्व जल संसाधन मंत्री प्रो. सांवरलाल जाट व भाजपा किसान मोर्चा के जिला मंत्री मुंसिफ अली खान का साथ-साथ पुष्कर एवं नसीराबाद विधानसभा क्षेत्र के गांवों का दौरा क्या महज एक संयोग है, या फिर इस जुगलबंदी के पीछे कोई राज है? इस संयुक्त दौरे की जानकारी आते ही कयास लगाए जाने शुरू हो गए हैं।
असल में यह तो लगभग तय है कि प्रो. जाट नसीराबाद से ही चुनाव लडऩे वाले हैं। हालांकि उनका नाम किशनगढ़ के लिए भी चल रहा है, मगर ज्यादा संभावना नसीराबाद की ही है। ऐसे में उनका नसीराबाद के गांवों में मुंसिफ के साथ दौरा करना समझ में आता है।
लेकिन साथ ही प्रो. जाट का पुष्कर के गांवों का दौरा करने का मतलब क्या यह निकाला जाए कि वे मुंसिफ को जाटों के वोट दिलवाने की जमीन तैयार कर रहे हैं। कहने की जरूरत नहीं है कि मुंसिफ पुष्कर सीट पर टिकट के प्रबल दावेदार हैं और साथ ही प्रो. जाट के करीबी भी। अब सबकी नजर इस पर लग गई है कि कहीं प्रो. जाट मुंसिफ को टिकट दिलवाने की जुगत तो नहीं कर रहे। ज्ञातव्य है कि प्रो. जाट अजमेर जिले में सबसे दमदार भाजपा नेता हैं और वसुंधरा के भी खास हैं। हो सकता है, उनकी सिफारिश मुंसिफ के काम आ जाए।
-तेजवानी गिरधर

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