गुरुवार, 20 अगस्त 2015

कांग्रेस थोडी भी अतिरिक्त सावधानी बरतती तो बन सकता था उसका बोर्ड

अजमेर नगर निगम के चुनाव में अगर थोडी भी अतिरिक्त सावधानी कांग्रेस बरतती तो वह अपना बोर्ड बनाने में कामयाब हो सकती थी। ज्ञातव्य है कि ऐसे माहौल में जबकि भाजपा कांग्रेस मुक्त अजमेर की बातें कर रही थी यानि कि कांग्रेस के लिए कुछ भी अनुकूल नहीं था, उसके बावजूद वह 60 में से 22 वार्डों में जीत हासिल करने में कामयाब हो गई। यह अपने आप में काफी चौंकाने वाले परिणाम हैं। न केवल सट्टा बाजार, अपितु पूरा मीडिया भी यही मान कर चल रहा था कि भाजपा 35 या 40 से भी ज्यादा सीटें हासिल करेगी। कहीं भी इसके संकेत नहीं थे कि कांग्रेस की परफोरमेंस इतनी अच्छी हो जाएगी। ऐसे नकारात्मक माहौल में कांग्रेस ने जो कर दिखाया, वह वाकई उल्लेखनीय है।
इस बार प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने थोडी सी तो सावधानी बरती, वो ये कि सभी नेताओं को राजी करके टिकट बांटे, इस कारण सिर फुटव्वल नहीं हुई, मगर अजमेर उत्तर में जिन नेताओं ने अपनी जिम्मेदारी पर टिकट दिलवाए, वे जीत नहीं दिलवा पाए। टिकट वितरण में कुछ लापरवाही यूं मानी जा सकती है कि या तो उपयुक्त दावेदार नहीं थे, या फिर वे परफोरमेंस नहीं दे पाए। वैसे भी अजमेर उत्तर में भाजपा की स्थिति कुछ बेहतर ही थी, इस कारण कांग्रेस को यहां दिक्कत आई। एक वजह ये भी रही कि टिकट वितरण के बाद किसी ने अपने अपने प्रत्याषी पर ठीक से ध्यान नहीं दिया। उधर दक्षिण में हेमंत भाटी ने अपनी पसंद के तकरीबन 25 टिकट लिए, जिनमें से उन्हें 20 पर जीत की पूरी उम्मीद थी और 17 में जीत दिलवा दी। कुल मिला कर इस परिणाम से हताषा में पडी कांग्रेस की जान में जान आई है।

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