शुक्रवार, 16 मई 2014

क्या अजमेर के भी अच्छे दिन आएंगे?

देश भर में चली मोदी सुनामी लहर के चलते अजमेर सहित राजस्थान की सभी सीटों पर भाजपा की जीत के बाद अच्छे दिन आने वाले हैं का नारा अजमेर में भी फलित होगा, इस पर हर अजमेर वासी की नजर है। समझा जा सकता है कि अजमेर के अच्छे दिन तभी आ सकते हैं, जबकि भाजपा के बैनर तले जीते राज्य के जलदाय मंत्री सांवरलाल जाट को केन्द्र में मंत्री पद हासिल हो। ज्ञातव्य है कि जाट से पराजित कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व निवर्तमान सांसद सचिन पायलट पहले ऐसे सांसद थे, जिन्होंने आजादी के बाद पहली बार केन्द्रीय मंत्रीमंडल में अजमेर का प्रतिनिधित्व किया। इससे पांच बार सांसद बने प्रो. रासासिंह रावत के उपलब्धिशून्य  कार्यकाल से निराश आमजन में उम्मीदें जागीं और सचिन उन पर खरे भी उतरे। ये उनके ही प्रयासों का फल है कि अजमेर में हवाई अड्डे के निर्माण में आ रही सारी बाधाएं दूर हो गईं व अब निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंने केन्द्रीय विश्वविद्यालय आरंभ करवाया। अनेक नई ट्रेनें शुरू करवाईं। अजमेर के इतिहास में पहला मेगा मेडिकल कैंप आयोजित करवाया। उनकी इन उपलब्धियों को भाजपाई भी स्वीकार करते हैं।
खैर, अब जब कि केन्द्र में भाजपा अपने दम पर सरकार बनाने जा रही है और प्रदेश में भी प्रचंड बहुमत वाली भाजपा सरकार है, यह उम्मीद की जा रही है कि पायलट को हराने वाले मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे के खास सिपहसालार प्रो. जाट को केन्द्र में मंत्री बनने का मौका मिलेगा। उनके नाम की चर्चा एक्जिट पोल सर्वे के साथ ही शुरू हो गई थी। जब उन्हें राज्य का केबीनेट मंत्री होने के बावजूद लोकसभा चुनाव लडऩे भेजा गया तो भी यही अनुमान था कि वे इसी शर्त पर तैयार हुए होंगे कि अगर वे जीते और केन्द्र में भाजपा की सरकार बनी तो उन्हें मंत्री बनवाया जाएगा, एक आम सांसद बने रहने का तो कोई भी मतलब नहीं। यहां यह बताना प्रासंगिक होगा कि प्रो. रासासिंह रावत इस कारण मंत्री नहीं बन पाए थे क्योंकि या तो केन्द्र में कांग्रेस की सरकार थी या फिर भाजपा नीत गठबंधन की सरकार थी तो उसमें भाजपा को अन्य दलों को मौका देना पड़ा और रावत वंचित रह गए।  बहरहाल, उम्मीद की जानी चाहिए कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पहल पर प्रो. जाट को मंत्री बनने का मौका  मिलेगा ताकि अजमेर के भी अच्छे दिन आएं।
-तेजवानी गिरधर

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