शुक्रवार, 22 नवंबर 2024

शख्सियत: सर्वश्रेष्ठ जनसंपर्क अधिकारी रहे हैं श्री प्यारे मोहन त्रिपाठी

अखबारों में पत्रकारिता से अपना कैरियर शुरू कर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संयुक्त निदेशक पद सेवानिवृत्त हुए श्री प्यारे मोहन त्रिपाठी ने सर्वश्रेष्ठ जनसंपर्क अधिकारी के रूप में पूरे प्रदेश में नाम कमाया है। वे अपने मधुर व्यवहार व सहयोगी प्रवृत्ति के कारण लोकप्रिय रहे और योग्यता के दम पर कांग्रेस व भाजपा, दोनों की सरकारों में प्रभावशाली अधिकारी के रूप में जाने जाते रहे। उल्लेखनीय है कि 31 दिसंबर 2015 उनकी सेवानिवृत्ति पर सूचना केन्द्र, अजमेर में हुआ समारोह पूरे राजस्थान के लिये मिसाल बन गया। उसमें केन्द्रीय मंत्री, राजस्थान के मंत्रीगण, मेयर व अन्य जनप्रतिनिधि, संभागीय आयुक्त व जिला कलक्टर सहित मीडिया से जुड़े सभी पत्रकार व अधिकारी व सभी पारीवारिक सदस्य मौजूद थे। 

उनका जन्म 1 जनवरी, 1956 को हुआ। उन्होंने बी.कॉम., एम. कॉम. (वित्तीय प्रबंध) और एम.ए. हिंदी की डिग्रियां हासिल कीं। उन्होंने सरकारी सेवा सहायक जनसंपर्क अधिकारी के रूप में शुरू की और चूरू, बीकानेर, भीलवाड़ा व अजमेर में जनसंपर्क अधिकारी के रूप में काम किया। इसी प्रकार राजस्थान आवासन मंडल, जयपुर के जनसंपर्क अधिकारी भी रहे। अक्टूबर 1996 से अक्टूबर 1997 तक महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर के उप कुल सचिव भी रहे। वे इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर और कोटा खुला विश्वविद्यालय, कोटा के काउंसलर भी रहे हैं। 

वे उपराष्ट्रपति स्व. श्री भैरोंसिंह शेखावत के हाथों 15 सितंबर, 2003 को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हुए। इसी प्रकार 15 अगस्त, 1996 को उन्हें राज्य स्तर पर सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त 30 मई, 1999 को यूनेस्को फेडरेशन अवार्ड और 2000 में प्रतिष्ठित माणक अवार्ड भी हासिल कर चुके हैं। वे चार बार जिला स्तर पर भी सम्मानित हुए और दो बार पुष्कर व उर्स मेले में राज्य स्तर पर राज्यस्तरीय प्रदर्शनी पुरस्कार हासिल किया। दोनों मेलों को दुनिया में पहचान दिलाने में उनकी अहम भूमिका है। अनेक बार दूरदर्शन और आकाशवाणी में परिचर्चाओं में भाग ले चुके हैं और उनके एक हजार से भी ज्यादा लेख-फीचर देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं।

सेवानिवृत्ति के बाद राजस्थान लोक सेवा आयोग में मीडिया एडवाइजर व एक्सपर्ट के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। इसके अतिरिक्त राजस्थान आईएलडी स्किल यूनिवर्सिटी के सीई भी रहे हैं।