रविवार, 19 जनवरी 2025

हर्षित हाडा राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से सम्मानित

अजमेर निवासी सिविल जज श्री हर्षित हाडा को जोधपुर में अधिकतम प्रकरणों के निस्तारण के लिए राजस्थान हाईकोर्ट ने सर्टिफिकेट दे कर सम्मानित किया है। वे अजमेर जिला परिषद के जिला समन्वयक के रूप में कार्यरत श्रीमती चांदनी हाडा व सुपरिचित एडवोकेट व पत्रकार स्वर्गीय श्री राजेन्द्र हाडा के सुपुत्र हैं। पिताश्री का साया उठने के बाद उन्होंने माताश्री की छत्रछाया में कठिन मेहनत करते हुए सिविल जज की परीक्षा में सफलता हासिल की थी। कम उम्र में ही उन्होंने समाज, परिवार व अजमेर का नाम रोशन किया है। अफसोस कि आज हाडा जी अपनी संतान की कामयाबी के मंजर को देखने को मौजूद नहीं हैं। प्रसंगवश यह बताना उचित होगा कि हर्षित पूर्व शहर भाजपा अध्यक्ष डॉ प्रियशील हाडा व अजमेर नगर निगम की मेयर ब्रजलता हाडा के भतीजे हैं।

अजमेरनामा न्यूज पोर्टल उन्हें हार्दिक बधाई देता है।


सिंधु रत्न श्री जोधाराम टेकचंदाणी का देहावसान

अजमेर ने सुपरिचित कांग्रेस व सिंधी नेता श्री जोधाराम टेकचंदाणी को खो दिया है। 19 जनवरी 2025 को उनका देहावसान हो गया। वे 1979 से लम्बे समय तक शहर जिला कांग्रेस में उपाध्यक्ष रहे। वे भूतपूर्व विधायक स्वर्गीय श्री नानकराम जगतराय के प्रमुख सहयोगी थे। वे दरगाह बाजार व्यापारिक संगठन के 20 वर्श तक निर्विरोध अध्यक्ष रहे। बाद में उन्होंने संरक्षक का दायित्व निभाया। इस दौरान उन्होंने व्यापारियों के हित में अनेक कार्य किए। प्रशासन भी उन्हें पूरी तवज्जो देता था। सांप्रदायिक सौहार्द्र के लिए उनके कार्य सदैव याद किए जाते रहेंगे। शांति समिति की बैठकों में महत्वर्पूण भूमिका अदा की। उर्स मेलों में खुद्दाम हजरात के साथ मिल कर जायरीन की सुविधा के लिए काम करते थे। वे स्वभाव से अत्यंत सजह व सरल थे। मगर साथ ही जुझारू भी थे। उनकी गिनती सिंधी समाज के प्रमुख नेताओं में होती थी। उनकी उल्लेखनीय सेवाओं को देखते हुए उन्हें सिंधी समाज महासमिति की ओर से चेटीचंड के मौके पर सिंधु रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया। 74 वर्ष की उम्र तक भी वे लगातार सक्रिय रहे और समाज की हर गतिविधि में भाग लेते थे। अजमेर के झूलेलाल धाम व भीलवाडा के हरिशेवा धाम से उनका गहरा लगाव रहा। उनका जन्म 18 मार्च 1948 को हुआ। हायर सेकंडरी की शिक्षा 1965 में जवाहर स्कूल से ली। 1968 से 1994 तक सीआरपीएफ में रहते हुये देश के अनेक स्थानों पर सेवाएं दी। 1979 में दरगाह बाजार में दुकान लेकर फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी का कार्य आरंभ किया। उनका विवाह 29 मई 1972 को हुआ। उनके निधन से अजमेर को जो क्षति हुई है, उसकी पूर्ति असंभव है। अजमेरनामा न्यूज पोर्टल उनके निधन पर अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करता है।