उनका जन्म 30 मई 1949 को सिन्ध के नसरपुर में श्री धर्मदास वर्यानी के घर हुआ। उन्होंने श्रमजीवी कॉलेज से 1968 में बीए किया। 29 मई 1975 को विवाह हुआ। सन् 1975 से 1983 तक कचहरी रोड स्थित बाइडिंग वर्क और अजमेर आर्ट प्रिंटर्स में मुद्रण का कार्य संभाला। कपड़े का व्यवसाय भी किया। 1975 में आपके परिवार ने सिंधी दैनिक अखबार हिन्दू शुरू किया। इसके अहमदाबाद व मुम्बई में भी संस्करण हैं। 1981 से 2006 तक आप द्वारा, उसके बाद आपके परिवार द्वारा संत कंवरराम साप्ताहिक का प्रकाशन किया जा रहा है। सितम्बर 2009 से दैनिक हिन्दू का जयपुर संस्करण भी प्रारंभ किया। जयपुर से 2012 में कंचन केसरी हिन्दी दैनिक आरम्भ किया है। वे अजमेर जिला पत्रकार संघ एवं अजयमेरू जिला पत्रकार संघ, अजमेर सिंधी सेंट्रल महासमिति, वैशाली सिंधी समाज व वैशाली नगर स्थित हेमू कालाणी पार्क समिति, तोपदड़ा स्थित झूलेलाल धर्मशाला ट्रस्ट, सिंधु दीप संस्था में महत्वपूर्ण पदों पर रहे। तीन बार राजस्थान सिंधी अकादमी के सदस्य रहे। आकाशवाणी, जयपुर पर उनकी अनेक वार्ताएं प्रसारित हुईं। उनके सुपुत्र श्री कमल वरियानी उनके साथ कंधे से कंधा मिला कर सिंधी भाषा की सेवा करते रहे हैं। जाहिर है आगे भी वे उस मशाल को प्रज्ज्वलित रखेंगे।
अजमेर में चौरसियावास रोड स्थित श्रीनिवास कॉलोनी निवासी 75 वर्षीय श्री वरियानी पिछले कुछ समय से बीमार थे और जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के आईसीयू में अंतिम सांस ली। उनके निधन से सिंधी समाज व पत्रकार जगत में दुख की लहर छा गई। उनकी अंतिम यात्रा सोमवार को उनके निवास से आंतेड स्थित श्मशान के लिए सुबह 11 बजे रवाना होगी। अजमेरनामा न्यूज पोर्टल उनके निधन पर अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करता है।