मंगलवार, 26 नवंबर 2024
अदिति मेहता पर था शेखावत का वरदहस्त
अजमेर में अब तक के कलेक्टर्स में श्रीमती अदिति मेहता की गिनती सर्वाधिक बिंदास व एनर्जेटिक अफसरों में होती है। उन्हीं के कार्यकाल में अजमेर जिला पूरे उत्तर भारत में अकेला संपूर्ण साक्षर जिला घोषित हुआ। जैसे आज शहर में अतिक्रमण व अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त रवैये के लिए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ख्याति प्राप्त कर रहे हैं, वैसे ही श्रीमती मेहता ने उस जमाने में अतिक्रमण हटाओ अभियान चला कर शहर की तस्वीर ही बदल दी थी। संकडी गलियां बन चुके डिग्गी बाजार व नला बाजार बाकायदा बाजार नजर आने लगे थे। यहां तक कि विरोध और पत्थरबाजी के बावजूद दरगाह की सीढियों पर खुद बैठ कर आसपास के इलाके का अतिक्रमण सख्ती से हटवा दिया था। इस लिहाज से उन्हें आज भी याद किया जाता है। असल में दोनों स्थितियां सत्ता की ताकत से निर्मित हुई हैं। देवनानी आज पावर में हैं, वैसे ही अदिति मेहता इसी कारण कामयाब कलेक्टर के रूप में गिनी गईं क्योंकि उन पर तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत का वरदहस्त था। एक छोटी सी घटना याद आती है। अदिति मेहता के अतिक्रमण हटाओ अभियान के बाद शेखावत अजमेर आए तो दरगाह के बाहर व्यापारियों ने उन्हें घेर लिया। बडा आक्रोष था। उनकी शिकायत थी कि वे वर्षाें से भाजपा के साथ जुडे हुए हैं, तो प्रशासन उनके साथ सख्ती क्यों कर रहा है? इस पर शेखावत ने विनोदपूर्ण मुद्रा में एक व्यापारी के मोटे पेट पर हाथ फेरते हुए कहा कि सेठ जी, आपने सरकार की जमीन पर कई साल तक जम कर कमाया है, अब तो इसे छोडिये, यह कह कर अदिति मेहता के विरोध को दरकिनार कर दिया। उससे संदेश यही गया कि अदिति मेहता को शेखावत का आशीर्वाद हासिल है।
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