बुधवार, 8 जुलाई 2015

शैलेष गुप्ता ने की वार्ड 2 से कांग्रेस टिकट की दावेदारी

वरिष्ठ कांग्रेस नेता शैलेष गुप्ता ने आगामी नगर निगम चुनाव के लिए वार्ड दो से कांग्रेस टिकट की दावेदारी की है। उनके दावे का दम देखिए कि पार्टी में अभी दावे की विधिवत प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है, मगर उन्होंने सोशल मीडिया यानि वाट्स ऐप व फेसबुक पर खुल कर दावा ठोक दिया है।
आइये, पहले ये देखें कि उन्होंने खुद ने क्या लिखा है:-
दोस्तों, नमस्ते,
अजमेर नगर निगम चुनाव में मैं भी कोटड़ा के आस-वाले इलाके वाले वार्ड नम्बर 2 कोटड़ा से अपनी दावेदारी कर रहा हूं। दोस्तों 20 साल बाद ये वार्ड सामान्य हुआ है। मैं आलाकमान से ये मांग करता हूं की यदि इस वार्ड में मुझ से ज्यादा कोई वरिष्ठ कांग्रेस का कार्यकर्ता, जो एक्टिव हो, टिकिट मांगता है, तो उस को देना चाहिए। 1-2 साल से यहां जो आ कर रहने लगे हों और बड़े नेताओं की चमचागिरी करते हों, उनको टिकट यदि दी जाती है तो आम कार्यकर्ताओं पर क्या गुजरेगी। आप सभी दोस्तों का सहयोग चाहिये। सभी वार्ड में लोकल को ही टिकट मिलना चाहिए।
अब मेरी बात:-
एक लिहाज से उनका दावा इसलिए जायज प्रतीत होता है कि वे इस वार्ड में ही कई साल से रहते हैं। रहते ही नहीं, सक्रिय भी हैं। इसीलिए तो उन्होंने लिखा है कि उनसे ज्यादा कोई वरिष्ठ हो तो उसे टिकट दे दिया जाए, क्योंकि वे जानते हैं कि उनसे पुराना कोई है ही नहीं। जाहिर तौर पर बीस साल बाद वार्ड सामान्य हुआ है तो वे यह चांस वे नहीं खोना चाहेंगे, वरना अब तक तो बिना किसी उम्मीद के कांग्रेस की सेवा करते रहे हैं। उनके मजमून से एक आशंका यह झलकती है कि बड़े नेताओं की चमचागिरी करने वाले नेता, जो कि एक-दो साल से ही यहां रह रहे हैं, भी यहां टिकट मांगने वाले हैं। इतना ही नहीं, वे उन पर भारी भी पड़ सकते हैं। यानि कि वे कुछ दमदार जरूर हैं, क्योंकि बड़े नेताओं के संपर्क में हैं और शैलेष गुप्ता कहीं न कहीं चमचागिरी में पीछे रह गए हैं। भाई शैलेष जी, राजनीति में कार्यकर्ता की कर्मठता की तो अहमियत है ही, मगर चमचागिरी भी तो महत्व रखती ही है। आप वरिष्ठ कांग्रेसी हैं, भला, आप क्यों पीछे रह गए? और फिर इस तरह बड़े नेताओं की चमचागिरी करने वालों का पहले से विरोध करके कहीं उन बड़े नेताओं को तो नाराज नहीं कर रहे? आपका यही बिंदास अंदाज कदाचित आपको दिक्कत देता रहा है।
खैर, आपका दावा है तो मजबूत। इसमें कोई दोराय नहीं। आप वर्षों से यहां रहते हैं, सबको जानते हैं, सब आपको जानते हैं। आपके लिए एक दिक्कत और भी है। इस इलाके के मौजूदा पार्षद कमल बैरवा भी खम ठोकते नजर आ रहे हैं, हालांकि यह वार्ड अब सामान्य हो गया है। उनका अपना वोट बैंक भी है। काम भी उन्होंने करवाया है। हालांकि नीतिगत रूप से उनको टिकट मिलना कठिन है, मगर राजनीति में कुछ भी संभव है। दूसरा ये कि अगर आप टिकट लेने में कामयाब हो जाते हैं तो भी आपको बैरवा को तो सैट करके चलना ही होगा। अगर वे निर्दलीय खड़े हो गए तो दिक्कत पैदा कर सकते हैं। एक बात और, जैसी कि कानाफूसी है, इस वार्ड से भाजपा के मेयर पद के दावेदार पूर्व मेयर धर्मेन्द्र गहलोत भी ताल ठोकने के मूड में हैं। अगर उनसे आपका मुकाबला होता तो आपको भी पूरी मालिश करके मैदान में उतरना होगा। और अगर आपने उनको हरा दिया तो आपके सिर मेयर पद के दावेदार को हराने का ताज सज जाएगा।
-तेजवानी गिरधर
7742067000

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