बुधवार, 26 मार्च 2014

प्रिंस सलीम की आनाकानी के बाद मिला सोमानी को आप का टिकट

अजय सोमानी
अजमेर लोकसभा क्षेत्र के लिए आम आदमी पार्टी ने एलजीओ चलाने वाले प्रिंस सलीम का टिकट फाइनल कर दिया था, मगर आखिरी वक्त में आनाकानी की वजह से उनके नाम की घोषणा रोकी गई और आनन-फानन में पूर्व दावेदारी कर चुके अजय सोमानी को टिकट दे दिया गया। दिलचस्प बात ये है कि पहले पार्टी उन्हें टिकट नहीं देना चाहती थी।
आपको याद होगा कि अपुन ने इसी कॉलम में पांच दिन पहले बता दिया था कि पार्टी की नजर प्रिंस सलीम पर है। उन्हें टिकट का दावा करने वाले आठ दावेदारों की तुलना श्रेष्ठ माना गया था। उसके पीछे नजरिया था कि वे कांग्रेस के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध मार सकते थे। उनकी छवि भी पार्टी को सूट कर रही थी। कानाफूसी है कि ऐन वक्त पर ये बात सामने आई कि पार्टी उनका चुनावी खर्चा वहन करने को तैयार नहीं है और नामांकन के 25 हजार सहित सारा चुनावी खर्चा अपने स्तर पर चंदा एकत्रित करने को कहा जा रहा है तो बात बिगड़ गई। उनके नाम की घोषणा रोक दी गई। एक बार तो यह मानस बना कि अजमेर में प्रत्याशी खड़ा ही नहीं किया जाए, मगर चूंकि प्रदेश अध्यक्ष राज्य की सभी 25 सीटों पर चुनाव लडऩे का ऐलान कर चुके थे, इस कारण तुरत-फुरत में अजय सोमानी का नाम तय कर दिया गया।
ज्ञातव्य है कि पहले सबसे प्रबल दावेदार अन्ना आंदोलन का नेतृत्व कर चुकी और बाद में पार्टी में अजमेर प्रभारी बनीं श्रीमती कीर्ति पाठक थीं, मगर उनका विरोध हो गया। इसी प्रकार पार्टी की राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य शहनाज हिंदुस्तानी का नाम तो काफी दिन पहले तय हो गया, मगर उनका भी विरोध हो गया। नतीजतन फेसबुक पर ही कार्यकर्ता भिड़ गए। दावा श्रीमती शेखावत अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन की महिला इकाई की राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष, राजपूत एकता मंच व महिला मोर्चा में पुष्कर विधानसभा क्षेत्र की अध्यक्ष और सामाजिक परिवर्तन फाउंडेशन की राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष ने भी किया था। पार्टी की नजर अजमेर की पूर्व जिला कलेक्टर श्रीमती अदिति मेहता पर भी थी, मगर उन्होंने आनाकानी कर दी। कुल मिला कर सोमानी को आखिरी विकल्प के रूप में मैदान में उतारा गया है। कानाफूसी ये भी है कि फिलवक्त पार्टी के कई कार्यकर्ता उनके नाम पर सहमत नहीं हैं।
-तेजवानी गिरधर

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