रविवार, 27 अप्रैल 2014

ज्योतिर्विद कैलाश दाधीच को है मोदी की चिंता

तीर्थराज पुष्कर के जाने-माने ज्योतिर्विद पंडित कैलाश दाधीच को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की बड़ी चिंता है। उनका मानना है कि गुरुवार को भद्रा नक्षत्र में वाराणसी में नामांकन पत्र भरना अशुभ है। पंडित दाधीच ने ज्योतिष शास्त्र का हवाला देते हुए समाचार पत्रों में यह खबर छपवायी है कि मोदी की राशि वृश्चिक है। गुरुवार को चौथा चंद्रमा अशांति का सूचक है तथा साथ में भद्रा का भी योग है। यही नहीं, पंचक का भी प्रभाव बन रहा है। गुरू आठवां होना एवं गुरुवार को ही नामांकन भरना मोदी के लिए नामांकन भरना अशुभ सूचक का संकेत दे रहा है। अपनी ओर से किसी बड़ी हस्ती के शुभाशुभ का फलित निकालना तो फिर भी सामान्य बात है, मगर मोदी की ओर से उसका उपाय पूछे बिना दाधीच ने तोड़ भी बताया है। दाधीच ने मोदी को नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले रुद्राभिषेक, महामृत्यंजय का जाप, गुरु ग्रह के लिए दान-पुण्य करने की सलाह दी है। ऐसा करने से सभी दोष से मुक्ति मिलने के साथ-साथ मोदी को अक्षय फल की प्राप्ति हो सकती है।
सवाल ये उठता है कि क्या मोदी को बिना पूछे सलाह दे कर पंडित दाधीच ने खुद को भाजपाई साबित नहीं कर दिया है? वरना उन्हें मोदी की इतनी चिंता क्यों है? मोदी जी जानें, उनका कर्म जानें, पंडित दाधीच का क्या लेना-देना? सच तो ये है कि अशुभ भद्रा योग की जानकारी देने वाले पंडित दाधीच पहले ज्योतिषी नहीं हैं। तीन दिन पहले ही यह जानकारी अखबारों में छप चुकी है। सवाल ये कि अगर उन्हें मोदी की इतनी ही चिंता थी तो क्या उन्हें तिथी तय होने से पहले मोदी को सलाह नहीं देनी चाहिए थी, ताकि वे कोई और तिथी तय करते। तिथी घोषित हुए भी कुछ दिन बीत गए हैं, अब जा कर गुरुवार को नामांकन भरने वाले दिन सलाह देने से क्या फायदा? यह खबर कौन सी मोदी के पास पहुंच ही जाएगी? हां, अलबत्ता अजमेर के लोगों को जरूर पता लग गया है कि पंडित दाधीच को मोदी की बड़ी चिंता है। साफ नजर आता है कि हमारे ज्योतिषी भी वीआईपी-वीवीआईपी के बारे में भविष्यवाणी करते चर्चित होना चाहते हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि अपने ज्योतिषीय ज्ञान से पंडित दाधीच को पता लग गया है कि मोदी प्रधानमंत्री बनने वाले हैं, इस कारण उनके बारे में फलित निकाला व उपाय सुझाया है, ताकि बाद में मोदी की कुछ अनुकंपा हासिल कर सकें?

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें