हाल ही राज्य सरकार ने अनेक आरएएस अधिकारियों को इधर से उधर कर दिया तो माना यही गया कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ही नई जाजम बिछाई गई है। इसकी पुष्टि करना हालांकि संभव नहीं है कि ऐसा सरकार ने चुनाव की वजह से ही ऐसा किया है, मगर एक तबादले से तो यहीं संकेत मिलता है कि सरकार ने मोर्चा संभाल लिया है। एमडीएस यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार सुरेश कुमार सिंधी को नसीराबाद एसडीएम बनाए जाने के साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि उन्हें वहां के संभावित भाजपा प्रत्याशी व पूर्व जलदाय मंत्री प्रो. सांवरलाल जाट को नाथने के लिए ही वहां तैनात किया गया है। कहने की जरूरत नहीं है कि सुरेश सिंधी को निहायत ईमानदार अफसर माना जाता है। प्रो. जाट के कथित गैर वाजिब आदेशों को मानने से इंकार करने पर उनका उनसे टकराव भी हुआ था, उन्हें परेशान भी किया गया, मगर सिंधी झुके नहीं। पिछले चुनाव में जब प्रो. जाट मात्र 71 वोटों से हारे तो उन्होंने धांधली का आरोप लगाते हुए मतों की पुनर्गणना की मांग उठाई थी। उन्होंने सिंधी पर गड़बड़ी करने का आरोप तक लगाया था। यह विवाद काफी लंबा चला, मगर सिंधी घबराए नहीं। उनकी इस दृढ़ता को देखते हुए ही शायद उन्हें फिर से नसीराबाद लगाया गया है, ताकि वे प्रो. जाट पर अंकुश लगा सकें। सिंधी को नसीराबाद लगाए जाने को मजह एक इत्तेफाक तो नहीं माना जा सकता।
-तेजवानी गिरधर
-तेजवानी गिरधर
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