शनिवार, 29 मार्च 2014

किस डील के तहत नाम वापस लिया आप के सोमानी ने



अजमेर में अन्ना हजारे के आंदोलन से लेकर आम आदमी पार्टी की स्थापना से जारी कलह लोकसभा चुनाव में आखिर इस कदर फूटी कि पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी अजय सोमानी ने मैदान ही छोड़ दिया। जाहिर तौर पर इससे कार्यकर्ताओं में गुस्सा फूट पड़ा और इस हरकत पर टिकट की एक दावेदार श्रीमती किरण शेखावत ने सोमानी के मुंह पर कालिख पोत दी। इस सनसनीखेज वारदात के बाद एक बड़ा सवाल ये उठ खड़ा हुआ है कि आखिर ऐसी क्या डील हुई कि सोमानी ने टिकट मिलने के बाद नामंाकन पत्र भी दाखिल किया, मगर रणछोड़दास बनने को मजबूर हो गए। कार्यकर्ता इस बात का पता लगाने में जुटे हुए हैं कि उनकी डील किसी पार्टी से हुई।
जहां तक उनके नाम वापस लेने का सवाल है कि अपुन ने पहले ही बता दिया था कि नामांकन दाखिल करने के बाद अपेक्षित उत्साह व सक्रियता नहीं दिखाये जाने से कार्यकर्ता हतप्रभ और सशंकित हैं। उन्हें आशंका थी कि कहीं सोमानी नाम वापस न ले लें। और हुआ भी यही। सोमानी ने गुपचुप तरीके से नाम वापस ले लिया, मगर गुस्साए कार्यकर्ता उनके पीछे लगे हुए थे। उन्होंने सोमानी के खिलाफ जम कर नारे लगाए और टिकट की ही एक दावेदार श्रीमती किरण शेखावत ने स्याही डाल कर उनका मुंह काला कर दिया।
कहने की जरूरत नहीं है कि सोमानी को लेकर आरंभ से आम सहमति नहीं थी। उनके टिकट के दावे को रिजेक्ट कर दिया गया था और आखिरी विकल्प के रूप में एनजीओ चलाने वाले प्रिंस सलीम का नाम फाइनल कर दिया गया था। मगर आखिरी क्षणों में आनाकानी करने पर जल्दबाजी में सोमानी का नंबर आ गया। पार्टी हाईकमान के इस निर्णय से नाराज नील शर्मा उर्फ श्याम सुंदर शर्मा, सरस्वती चौहान व मौंटी राठौड़ उर्फ पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ सरीके कर्मठ कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ दी।
-तेजवानी गिरधर

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